केन्द्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2018-19 का आम बजट (Union Budget) 01 फरवरी 2018 को प्रस्तुत किया. मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दो गुनी करने को लेकर प्रतिबद्ध है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने देश के किसानों के लिए बड़े तोहफे का घोषणा किया है. वित्त मंत्री ने अपने भाषण की शुरुआत किसानों से की.
आम बजट 2018-19 में कृषि क्षेत्र से संबंधित निम्नलिखित घोषणाएं की गई.
कृषि क्षेत्र से संबंधित मुख्य तथ्य:
- वित्त मंत्री ने खेती की संभावनाओं और उपलब्धियों की सूची पेश की. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) लागत का 150% देने का फैसला किया.
- कृषि उपज के लिए जिला स्तर पर औद्योगिक कलस्टर जैसा सिस्टम बनाया जाएगा.
- 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य.
- 22 हजार हाट कृषि बाजार में बदले जाएंगे.
- लघु, कुटीर उद्योगों को 200 करोड़ की सहायता राशि दिया जायेगा.
- ऑपरेशन फ्लड की स्टाइल में आलू और टमाटर के दामों में उतार-चढ़ाव के नुकसान को रोकने के लिए खास इंतजाम किया जाएगा.
- पशुपालकों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मिलेगा.
- मत्स्यपालन को बढ़ावा देने के लिए विशेष कोष. 42 मेगा फूड पार्क बनाए जाएंगे.
- केंद्र सरकार ऑपरेशन ग्रीन शुरू करेगी.
- कृषि प्रोसेसिंग सेक्टर के लिए 1400 करोड़ रुपये.
- जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा.
- 2018-19 में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका के लिए 5750 करोड़ का प्रावधान.
- कृषि कर्ज को 1 लाख करोड़ बढ़ाकर 11 लाख करोड़ किया गया. उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन देने का लक्ष्य पांच करोड़ से बढ़ाकर 8 करोड़ किया गया.
- चिकित्सा संबंधी कृषि उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जायेगा.
- कम लागत में अधिक फसल उगाने पर ज़ोर.
- किसानों को उनकी उपज का अधिक दाम दिलाने पर फोकस.
- लघु और सीमांत किसानों के लिए ग्रामीण कृषि बाजारों का विकास किया जाएगा.
- खरीफ़ की फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 1.5 गुना किया गया है.
- मछुआरों और पशुपालकों को भी किसानों की तरह क्रेडिट कार्ड दिए जाएंगे.
- कृषि बाजार के विकास के लिए 2,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
- ऑर्गनिक खेती को और बढ़ावा दिया जायेगा. महिला समूहों को जैविक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा.
- मछली पालन और पशुपालन व्यवसाय में 10000 करोड़ रुपये देकर ग्रामीण क्षेत्रो में जनता की आय बढ़ाने की कोशिश की जाएगी.
- सौभाग्य योजना के तहत चार करोड़ गरीब घरों को मुफ़्त बिजली दी जाएगी.
- साल 2022 तक हर गरीब के पास उसका अपना घर होगा.
- गांवों में इंफ़्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए 14.34 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे.
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